मैं विवेक हूँ, उम्र 24 साल। आज मैं आपको अपने और मेरी भाभी निशा भाभी के बीच हुई उस रात की कहानी सुनाऊंगा जब मैंने उनकी चूत चाट-चाट कर इतना गर्म कर दिया कि भाभी खुद मेरे लंड पर बैठने के लिए मजबूर हो गईं।
निशा भाभी की उम्र 28 साल थी, गोरी चिट्टी, 36 साइज के भारी स्तन और 36-28-36 का फिगर, जिसे देखकर किसी भी मर्द का लंड खड़ा हो जाए।
पहली बार जब भाभी की चूत की खुशबू से पागल हुआ
एक दिन घर में कोई नहीं था। भाभी अकेली थी और मैं भी कॉलेज से जल्दी आ गया था। भाभी हल्की गुलाबी साड़ी में थीं और बिना ब्लाउज के। उनकी झलक ने मेरे लंड को एकदम सख्त कर दिया।
“विवेक, जरा मेरी पीठ पर तेल लगा दो,” भाभी ने मुस्कुराते हुए कहा। मैं तुरंत पास गया और अपने हाथों से उनकी नंगी पीठ पर तेल मलने लगा। मेरा हाथ धीरे-धीरे नीचे सरकता गया और भाभी को भी मेरे इरादों का अंदाजा हो चुका था।
मैंने धीरे से उनके पल्लू को हटाया और उनकी कमर को चूम लिया। भाभी ने हल्का सा कराहते हुए कहा, “विवेक, क्या कर रहे हो… कोई देख लेगा।”
“भाभी, आज मैं आपकी चूत चाट कर आपको पागल कर दूँगा,” मैंने कहा और उन्हें सोफे पर लिटा दिया।
भाभी की चूत चाटने का पहला अहसास
मैंने भाभी की साड़ी और पेटीकोट को ऊपर सरका कर उनकी पैंटी उतारी। सामने गुलाबी और हल्के बालों वाली उनकी गीली चूत थी, जिससे हल्की गंध आ रही थी।
मैंने अपनी जीभ उनकी चूत पर रख दी और हल्के-हल्के चाटने लगा। भाभी के मुँह से कराह निकल रही थी, “आह्ह विवेक… तेरी जीभ तो जादू कर रही है।”
मैंने अपनी जीभ से उनकी चूत की दरारों में अंदर तक घुसपैठ की। भाभी की चूत से रस बहने लगा था। मैंने चाट-चाट कर उनकी चूत को पूरी तरह भीगो दिया।
“विवेक… प्लीज… अब रुक मत… तेरा लंड मेरी चूत में डाल दे,” भाभी मचलने लगीं।
भाभी की चूत में लंड डालने का मज़ा
मैंने अपने लंड को बाहर निकाला जो उस समय लोहे की रॉड जैसा सख्त हो चुका था। भाभी ने खुद अपने हाथों से पकड़ कर उसे अपनी चूत के मुहाने पर रखा और कहा, “अब डालो देवर जी, मेरी चूत तड़प रही है।”
मैंने एक झटके में पूरा लंड उनकी चूत में घुसेड़ दिया। “चप…चप” की आवाजें पूरे कमरे में गूंजने लगीं। भाभी की टाइट चूत मेरे लंड को कस कर पकड़ रही थी।
मैंने उनकी टांगे अपने कंधों पर रख दी और पूरी ताकत से धक्के मारने लगा। भाभी का पूरा शरीर झटकों से हिल रहा था।
“विवेक… जोर से चोदो… तेरी जीभ ने तो पहले ही पागल कर दिया था… अब तेरे लंड से चूत की हर दीवार तोड़ दे,” भाभी बुरी तरह मचल रही थीं।
पोजीशन बदल-बदल कर भाभी की चुदाई
थोड़ी देर बाद मैंने भाभी को डॉगी स्टाइल में घुमा दिया। उनके गोल मोल गांड को पकड़ कर मैं और भी गहराई तक धक्के मारने लगा।
“आह्ह… विवेक… तेरे लंड का असली मजा आ रहा है,” भाभी कराहती जा रही थीं।
मैंने एक हाथ से उनके बाल पकड़े और दूसरे हाथ से उनकी चूत पर थप्पड़ मारते हुए धक्के मारता रहा।
वीर्य का विस्फोट और भाभी की तृप्ति
करीब आधे घंटे की लगातार चुदाई के बाद मैंने भाभी की चूत के अंदर ही सारा वीर्य छोड़ दिया। भाभी की चूत से सफेद वीर्य की धार बहने लगी।
भाभी ने मुझे अपने सीने से लगा लिया और कहा, “विवेक, आज तूने अपनी जीभ और लंड से मुझे पूरी तरह तृप्त कर दिया। अब तुझे रोज अपनी चूत का स्वाद चखाऊंगी।”
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