बूढ़े लंड में आग लगायी जवान बहू ने: मेरी अपनी कहानी

मेरा नाम रमेश है, और मैं 60 साल का एक रिटायर्ड स्कूल टीचर हूँ। मैं गाजियाबाद के एक पुराने मोहल्ले में रहता हूँ, जहाँ की गलियों में पुराने ज़माने की बातें और पड़ोसियों की गपशप आज भी ज़िंदा है। मेरी ज़िंदगी साधारण थी—सुबह की सैर, अखबार पढ़ना, और अपने बेटे-बहू के साथ समय बिताना। मेरा बेटा, अमित, दिल्ली में एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करता है और अक्सर टूर पर रहता है। मेरी बहू, नेहा, 24 साल की एक खूबसूरत और जवान लड़की, मेरे घर की रौनक थी। यह कहानी मेरी और नेहा की है, और मैं इसे पूरी ईमानदारी से बता रहा हूँ, भले ही यह सुनने में अजीब लगे।

नेहा हमारे घर में पिछले दो साल से थी। उसका चेहरा मासूम था, लेकिन उसकी आँखों में एक शरारती चमक थी, जो मेरे बूढ़े दिल को बेचैन कर देती थी। उसकी साड़ी में लिपटा हुआ बदन, उसकी कमर की लचक, और उसकी हंसी में छुपी मिठास मुझे हमेशा अपनी ओर खींचती थी। मैं जानता था कि यह गलत है, लेकिन उम्र के इस पड़ाव पर भी मेरे अंदर की वासना कभी-कभी जाग उठती थी। नेहा का बिंदास अंदाज़ और उसका मेरे साथ हंसी-मजाक करना मुझे और बेचैन करता था।

पिछले साल की बात है, जब अमित को एक महीने के लिए विदेश टूर पर जाना पड़ा। घर में सिर्फ मैं और नेहा रह गए। एक शाम, मैं अपने कमरे में अखबार पढ़ रहा था, और नेहा रसोई में खाना बना रही थी। बाहर हल्की बारिश शुरू हो गई थी, और घर में एक अजीब-सी खामोशी थी। नेहा मेरे कमरे में आई और बोली, “पापा, आप आज कुछ चुप-चुप से लग रहे हैं। क्या बात है?” मैंने मुस्कुराते हुए कहा, “कुछ नहीं, नेहा। बस, इस बारिश में पुरानी यादें ताज़ा हो रही हैं।” नेहा ने हंसते हुए कहा, “अरे, पापा, आप तो अभी भी जवान हैं! कोई पुरानी प्रेम कहानी बताइए ना!”

उसकी बातों में एक शरारत थी, जो मेरे बूढ़े लंड में आग जगा रही थी। मैंने हिम्मत जुटाकर कहा, “नेहा, प्रेम कहानियाँ तो जवानी में होती हैं, लेकिन तुम जैसी खूबसूरत बहू के सामने बूढ़ा दिल भी जवान हो जाता है।” नेहा का चेहरा लाल हो गया, लेकिन उसने हंसते हुए कहा, “पापा, आप भी ना… इतने रोमांटिक कैसे हो गए?” उसकी आँखों में एक चमक थी, जो मुझे और करीब खींच रही थी।

मैंने धीरे से उसका हाथ पकड़ा और कहा, “नेहा, सच बताओ, तुम्हें मैं कैसा लगता हूँ?” नेहा ने शरमाते हुए कहा, “पापा, आप बहुत अच्छे हैं। लेकिन… ये सब ठीक नहीं है।” उसकी आवाज़ में एक नरमी थी, जो मुझे और हिम्मत दे रही थी। मैंने धीरे-धीरे उसके करीब जाना शुरू किया। उसकी साड़ी का पल्लू हल्के से सरक गया, और उसकी गोरी कमर चाँदनी की तरह चमक रही थी। मैंने उसकी कमर पर हाथ रखा, और उसकी साँसें तेज़ हो गईं। “पापा, ये गलत है…” उसने फुसफुसाते हुए कहा, लेकिन उसकी आँखें कुछ और कह रही थीं।

मैंने हिम्मत जुटाकर उसे अपनी बाहों में ले लिया। उसकी गर्म साँसें मेरे चेहरे को छू रही थीं। “नेहा, मैं तुम्हारी वासना जगा दूँगा,” मैंने धीरे से कहा। नेहा ने एक पल के लिए मेरी ओर देखा, और फिर उसकी आँखें बंद हो गईं। मैंने धीरे-धीरे उसकी साड़ी उतारी, और उसकी चूत, जो अभी तक सीलपैक थी, मेरे सामने थी। मैंने उसकी चूत को धीरे-धीरे सहलाया, और उसकी सिसकारियाँ कमरे में गूंजने लगीं। “पापा, धीरे… ये मेरा पहली बार है,” उसने फुसफुसाते हुए कहा।

मैंने अपनी पैंट उतारी, और मेरा बूढ़ा लंड, जो अब भी जवान था, उसकी आँखों के सामने था। नेहा ने शरमाते हुए मेरी ओर देखा और कहा, “पापा, ये… इतना सख्त कैसे है?” मैंने मुस्कुराते हुए कहा, “नेहा, तुमने मेरे बूढ़े लंड में आग जो लगा दी।” मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और धीरे-धीरे उसकी चूत को सहलाया। उसकी सिसकारियाँ तेज़ होती गईं। मैंने धीरे-धीरे अपने लंड को उसकी चूत पर टिकाया, और नेहा ने हल्के-हल्के कूदना शुरू किया। “हाँ, पापा… और… और तेज़,” वह बार-बार कह रही थी।

मैंने उसकी वासना को और भड़काया, और हर धक्के के साथ उसका जुनून बढ़ता जा रहा था। मेरे लंड ने उसकी सीलपैक चूत की सील तोड़ दी, और वह हर पल में खो गई। मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ रखा था, और हम दोनों एक-दूसरे में पूरी तरह डूब गए। नेहा की चूत इतनी टाइट थी कि मेरा बूढ़ा लंड भी जवान हो गया। “पापा, तुमने मेरे अंदर की आग जगा दी,” उसने सिसकारते हुए कहा। मैंने उसकी बातों को सुनकर और जोश में आ गया, और हम दोनों उस रात एक-दूसरे के हो गए।

उस रात, बारिश की बूंदों की आवाज़ के बीच, मैंने नेहा की चुदाई की। यह उसका पहली बार था, और मेरे लिए भी इतने सालों बाद ऐसा अनुभव। हम दोनों ने उस पल को पूरी तरह जी लिया। सुबह होने से पहले, नेहा ने मुझे गले लगाया और कहा, “पापा, यह हमारा राज़ है। किसी को नहीं पता चलेगा।” मैंने हल्के से मुस्कुराते हुए कहा, “हाँ, नेहा… ये मेरी ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत पल है।”

अगले दिन, नेहा अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में लौट गई। अमित कुछ हफ्तों बाद टूर से वापस आया, और सब कुछ सामान्य हो गया। लेकिन मेरे मन में उस रात की यादें हमेशा के लिए बस गईं। नेहा से मेरी बातें अब भी होती हैं, लेकिन उस रात की बात कभी सामने नहीं आई। मेरे दिल में उसके लिए एक अजीब-सी चाहत है, लेकिन मैं जानता हूँ कि यह रिश्ता सिर्फ उन पलों तक सीमित था।

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