बुर की सील की डील टीचर से

बुर की सील की डील टीचर से: मेरे नाम राहुल है। मैं उस समय इंटर कॉलेज में पढ़ाई करता था। हमारा कस्बा छोटा सा है, जहाँ लोग एक-दूसरे को अच्छे से जानते हैं। मेरी उम्र तब 18 साल थी, और मेरे अंदर जवान खून खौल रहा था। अक्सर रात को बिस्तर पर लेटते-लेटते कल्पनाएँ करता था, चूत-लंड की दुनिया मेरे दिमाग में ही चलती रहती थी।

हमारे कॉलेज में एक हिंदी की टीचर थीं – अनिता मैम। उम्र लगभग 28 साल, शादीशुदा, पर बच्चे नहीं थे। गोरी-चिट्टी, मोटे होंठ, बड़ी-बड़ी आँखें और सबसे खास उनकी चाल-ढाल। जब वो क्लास में आतीं तो पूरे लड़कों की नज़रें सिर्फ उनके चुचों और मटकती गांड पर ही अटक जातीं। मैं भी उनमें से एक था, पर मेरे दिल में उनसे अलग ही चाहत पल रही थी।

टीचर के साथ नज़दीकियाँ

क्लास में जब भी वो ब्लैकबोर्ड पर लिखतीं, उनका दुपट्टा अक्सर नीचे खिसक जाता और उनके गोल-गोल स्तन ब्लाउज से झलक जाते। मैं कई बार पीछे बैठकर उन्हें घूरता और मन ही मन सोचता – “काश ये चुचे मेरे हाथ में होते, और मैं इन्हें दबा रहा होता।”

धीरे-धीरे मैं उनके करीब आने लगा। नोटबुक चेक कराने में, सवाल पूछने में, या स्टाफ रूम में कॉपी लेकर जाने में मैं मौका ढूँढता। एक दिन मैंने देखा कि मैम अकेली स्टाफ रूम में बैठी हैं। मैंने हिम्मत करके बोला –

“मैम, आपका ब्लाउज का बटन खुला है।”

वो चौंकीं, झट से दुपट्टा सँभाला और हल्की सी मुस्कान दी। मेरी नज़रें उनके सीने पर अटक गईं। उस पल में हमारे बीच एक अजीब सी चुप्पी छा गई।

घर आने का न्योता

कुछ दिनों बाद मैम ने मुझसे कहा –
“राहुल, तुम्हारी लिखावट बहुत अच्छी है। अगर तुम चाहो तो मुझे घर पर आकर टाइपिंग में मदद कर सकते हो।”

मैंने तुरंत हामी भर दी।

अगले दिन मैं उनके घर पहुँचा। उनका पति बाहर नौकरी करता था और हफ्तों तक बाहर ही रहता। घर में सिर्फ वो अकेली रहती थीं।

जब मैंने दरवाज़ा खटखटाया तो उन्होंने गुलाबी रंग की स्लीवलेस नाइटी पहन रखी थी। पहली बार उन्हें इस रूप में देख मैं दंग रह गया। उनकी गोरी चमड़ी, उभरे हुए चुचे और मटकती गांड देखकर मेरा लंड अपने आप खड़ा हो गया।

पहला स्पर्श

हम दोनों टेबल पर बैठकर लिखाई देखने लगे। उनकी झुकती हुई बॉडी मेरे हाथों से टकरा रही थी। अचानक उनका दुपट्टा नीचे गिर गया और उनका गोल-गोल चुचा मेरे हाथ से छू गया।

उन्होंने मुझे घूरते हुए देखा और धीरे से बोलीं –
“क्या देख रहे हो राहुल…?”

मैं डरते-डरते बोला –
“मैम, आप बहुत खूबसूरत हो।”

उनके चेहरे पर हल्की मुस्कान आई और उन्होंने कहा –
“अच्छा? तो क्या करना चाहते हो?”

मेरी साँसें तेज़ हो गईं। मैंने काँपते हाथ से उनका चुचा दबा दिया। उन्होंने कोई विरोध नहीं किया। बल्कि खुद पास खिंच आईं।

चुचों का खेल

अब मैं पूरी तरह बेकाबू हो गया। मैंने दोनों हाथों से उनके बड़े-बड़े चुचे दबाने शुरू कर दिए। ब्लाउज के अंदर से उनकी ब्रा की लाइन महसूस हो रही थी। मैं चुचों को कभी दबाता, कभी मरोड़ता और कभी मुँह से चूसने की कोशिश करता।

वो सिसकारियाँ भरते हुए बोलीं –
“आह्ह… राहुल… बहुत शरारती हो तुम।”

मैंने ब्लाउज के हुक खोल दिए और उनके दूध जैसे सफेद स्तन बाहर निकाल लिए। पहली बार किसी औरत के नग्न चुचे देख रहा था। मैंने उन्हें अपने मुँह में लेकर जोर-जोर से चूसा।

उनकी आवाज़ और साँसें कमरे में गूंज रही थीं –
“आह्ह… हाँ… चूसो राहुल… मेरी चूत भी गीली हो रही है।”

चूत तक पहुँचना

मैंने धीरे-धीरे उनका नाइटी ऊपर उठाई। नीचे उन्होंने सिर्फ एक पतली सी पैंटी पहन रखी थी, जो पूरी तरह गीली हो चुकी थी। मैंने हाथ डालकर उनकी गरम चूत पर उँगलियाँ फिराईं।

“आह्ह्ह… धीरे-धीरे… राहुल…”

मैंने उनकी पैंटी उतार दी और पहली बार किसी औरत की चूत अपने सामने देखी। गुलाबी होंठों के बीच से रसीला रस टपक रहा था।

मैं झुककर उनकी चूत पर मुँह रख दिया और जीभ से चाटने लगा।

“आह्ह्ह्ह्ह… ओह्ह… राहुल… तू तो कमाल कर रहा है… और चाट… मेरी सील तोड़ दे…”

उनकी चीखें सुनकर मैं और पागल हो गया। मैंने जीभ से उनके चूत के हर कोने को चाटा और फिर अपनी उँगली अंदर डाल दी।

सील तोड़ने की डील

अब मेरा लंड पूरा खड़ा था। मैंने अपनी पैंट उतारी और 7 इंच का मोटा लंड बाहर निकाला। मैम की आँखें चौड़ी हो गईं।

“इतना बड़ा… राहुल, ये मेरी पहली बार है… धीरे से करना।”

मैंने उनका हाथ पकड़कर अपने लंड पर रखा। उन्होंने काँपते हुए लंड को पकड़ा और सहलाने लगीं।

फिर मैंने उनकी चूत के होठों पर अपना लंड रगड़ा। वो कराह उठीं –
“आह्ह्ह… धीरे राहुल… मेरी सील मत फाड़ देना।”

मैंने फुसफुसाया –
“मैम, आज से आप मेरी हैं। ये डील पक्की।”

और एक झटके में मैंने अपना लंड उनकी चूत में घुसा दिया।

“आह्ह्ह्ह… ओह्ह्ह… मेरी सील… टूट गई…”

उनकी आँखों से आँसू निकल गए लेकिन वो दर्द में भी मज़ा ले रही थीं। मैंने धीरे-धीरे झटके मारना शुरू किया। उनकी चूत कसी हुई थी और मेरे लंड को जोर से पकड़ रही थी।

चुदाई का चरम

कुछ ही देर में उनका दर्द सुख में बदल गया। वो अपनी कमर मटकाकर मेरे झटकों का साथ देने लगीं।

“आह्ह्ह… राहुल… हाँ… और जोर से… तेरे लंड ने तो मुझे पागल कर दिया।”

मैंने उनके चुचे पकड़कर दबाए और तेजी से झटके मारने लगा। उनकी चूत से गरम रस बह रहा था।

हम दोनों पसीने से भीग गए थे, कमरा कराहों और चुदाई की आवाज़ों से भर गया था।

फिर उन्होंने खुद ऊपर आकर मेरे ऊपर बैठकर लंड अपनी चूत में डाला और जोर-जोर से उछलने लगीं।

“आह्ह्ह… मैं निकलने वाली हूँ… ओह्ह्ह…”

मैं भी चिल्लाया –
“मैम, मैं भी फटने वाला हूँ।”

और दोनों एक साथ चरम पर पहुँच गए। मेरा गरम वीर्य उनकी चूत में भर गया।

बाद की बातें

चुदाई खत्म होने के बाद वो मेरी बाँहों में लेटी रहीं। मैंने उनके माथे को चूमा।

उन्होंने मुस्कराकर कहा –
“राहुल, अब हमारी डील पक्की है। तूने मेरी बुर की सील तोड़ी है, अब तू मेरा है।”

उसके बाद कई बार हम दोनों ने मस्त चुदाई का मजा लिया। वो मेरे लंड की दीवानी हो गईं और मैं उनकी गरम चूत का।

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