मैं अर्जुन हूँ, उम्र 23 साल। यह कहानी मेरी बचपन की दोस्त सोनम की है, जिसकी कुंवारी चूत की सील मैंने तोड़ी। सोनम बेहद खूबसूरत थी, गोरी चमकदार स्किन, 34 साइज के उभरे हुए स्तन और पतली कमर के साथ उसकी चूत की गंध भी मुझे पागल कर देती थी। लेकिन वह अभी तक कुंवारी थी और सेक्स का मजा उसने कभी नहीं लिया था।
शुरुआत की हल्की हरकतें
हम दोनों की बचपन से दोस्ती थी और कॉलेज के दिनों में यह दोस्ती धीरे-धीरे फिजिकल अट्रैक्शन में बदल रही थी। एक दिन उसके घर कोई नहीं था और वह मुझसे मिलने के लिए बुला ली।
“अर्जुन, आज मम्मी-पापा बाहर हैं… पूरा घर खाली है,” सोनम ने आँखों में शरारत लिए कहा।
मेरा लंड तो उसकी ये बात सुनते ही तन गया। मैंने उसे पकड़ कर सोफे पर बिठा लिया और उसके गालों को चूमने लगा। उसने झिझकते हुए कहा, “अर्जुन, मैंने कभी ये सब नहीं किया है… मैं अभी तक कुंवारी हूँ।”
मैंने उसके कान में फुसफुसा कर कहा, “सोनम, आज मैं तेरी चूत की सील तोड़ूंगा… और तुझे असली सेक्स का मजा चखाऊंगा।”
कपड़े उतरते ही चूत की गंध से पागलपन
मैंने धीरे-धीरे उसकी टॉप और ब्रा उतारी। उसके गोरे और गोल मोल स्तन सामने आ गए। मैंने उनपर अपने होंठ रख दिए और हल्के-हल्के काटने लगा। सोनम की साँसे तेज हो रही थीं।
मैंने उसकी स्कर्ट और पैंटी भी उतार दी। उसकी चूत पर अभी तक एक भी लंड नहीं गया था, वो हल्की सी बालों वाली मगर एकदम टाइट थी। चूत से आती कच्चे रस की महक मेरे लंड को और सख्त कर रही थी।
मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर फेरनी शुरू की। सोनम हल्की कराहते हुए “आह्ह अर्जुन…” बोलने लगी। उसकी चूत में से रस बहना शुरू हो गया था।
कुंवारी चूत में पहली बार लंड का प्रवेश
मैंने अपने लंड को हाथ में लिया, जो उस समय लोहे की रॉड की तरह सख्त हो चुका था। सोनम की आँखों में डर भी था और इच्छा भी।
“सोनम, मैं धीरे-धीरे तेरी सील तोड़ूँगा। बिल्कुल दर्द नहीं होगा,” मैंने कहा।
मैंने लंड की टिप उसकी चूत के मुहाने पर रखी और बहुत धीरे-धीरे धक्का मारा। “उफ्फ… आह्ह…” सोनम के मुँह से हल्की चीख निकली क्योंकि उसकी कुंवारी चूत की सील फट रही थी।
थोड़ा रुक कर मैंने दुबारा धक्का मारा और मेरा लंड आधा अंदर चला गया। सोनम की आँखों से आँसू आ गए मगर वह कहने लगी, “अर्जुन… अब मत रुकना… पूरी तरह अंदर डालो… तोड़ दो मेरी चूत की सील।”
मैंने एक झटके में पूरा लंड उसकी चूत के अंदर डाल दिया। सोनम की चूत की दीवारें मेरे लंड को कस के पकड़ रही थीं। उसकी चूत में पहली बार लंड का आना मेरे लिए भी अलग अहसास था।
धीमी चुदाई से लेकर हार्ड सेक्स तक
शुरुआत में मैंने धीरे-धीरे धक्के मारे ताकि सोनम को ज्यादा दर्द ना हो। उसकी चूत से खून और रस दोनों निकल रहे थे। मगर कुछ ही मिनटों में उसका शरीर सेक्स के आनंद में डूब चुका था।
“अर्जुन… अब जोर से कर… तोड़ दे मेरी चूत को,” सोनम मचलती जा रही थी।
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। “चप…चप” की आवाज और सोनम की कराहें पूरे कमरे में गूंज रही थीं।
“अर्जुन… तेरे लंड ने तो मेरी सील तोड़ दी… अब हर रोज मुझे चोदना पड़ेगा,” सोनम ने मुस्कुराते हुए कहा।
अलग-अलग पोजीशन में पहली बार का सेक्स
इसके बाद मैंने सोनम को डॉगी स्टाइल में घुमा दिया और पीछे से उसकी चूत में लंड डाला। उसकी गोल मोल गांड हिलते देख मैं पागल हो रहा था।
मैंने उसके बाल पकड़ कर उसके अंदर गहरे धक्के मारे। सोनम की चूत अब पूरी तरह मेरे लंड को स्वीकार कर चुकी थी।
“अर्जुन… और तेज… मुझे पूरी रात चोद…,” सोनम का शरीर अब पूरी तरह मेरे लंड के इशारे पर चल रहा था।
वीर्य की धार और चूत का भराव
करीब आधे घंटे की हार्ड चुदाई के बाद मेरा पानी छूटने वाला था।
“सोनम, मैं तेरी चूत के अंदर ही छोड़ रहा हूँ,” मैंने कहा।
“हाँ अर्जुन… मेरी चूत को अपना वीर्य से भर दो,” सोनम ने मचलते हुए कहा।
मैंने एक जोरदार धक्का मारा और सारा वीर्य उसकी चूत के अंदर छोड़ दिया। उसके चूत से सफेद वीर्य बाहर बहने लगा और हम दोनों ने एक-दूसरे को बाँहों में भर लिया।
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