जिम वाले लड़के की गांड मारी: मेरी अपनी कहानी

मेरा नाम है रोहित, और मैं 28 साल का एक फिटनेस ट्रेनर हूँ। मैं चंडीगढ़ के एक पॉश इलाके में रहता हूँ, जहाँ की साफ-सुथरी सड़कें और जिम की चहल-पहल मेरी ज़िंदगी का हिस्सा हैं। मेरी ज़िंदगी में जिम, क्लाइंट्स, और दोस्तों के साथ मस्ती ही सब कुछ था। मैं हमेशा से अपनी फिटनेस और बॉडी को लेकर सीरियस रहा हूँ, और जिम मेरा दूसरा घर है। लेकिन पिछले साल की एक घटना ने मेरी ज़िंदगी को एक नया मोड़ दे दिया। यह कहानी मेरी और एक जिम वाले लड़के, आयुष, की है। मैं इसे पूरी ईमानदारी से आपके सामने रख रहा हूँ, भले ही यह सुनने में थोड़ा अलग लगे।

आयुष, 24 साल का, मेरे जिम में कुछ महीने पहले ही जॉइन हुआ था। उसकी बॉडी टोंड थी, और उसका चेहरा इतना आकर्षक था कि जिम में हर कोई उसकी तारीफ करता था। उसकी गहरी आँखें और मुस्कान में एक अजीब-सी शरारत थी, जो मुझे हर बार बेचैन कर देती थी। शुरू में हमारी बातें सिर्फ वर्कआउट और डाइट तक सीमित थीं। मैं उसका ट्रेनर था, और उसे गाइड करना मेरा काम था। लेकिन धीरे-धीरे हमारी बातचीत में एक नजदीकी आने लगी। आयुष का बिंदास अंदाज़ और उसका हँसता-खेलता स्वभाव मुझे उसकी ओर खींच रहा था।

जिम के बाद की बातें

एक दिन, जिम में वर्कआउट के बाद हम दोनों लॉकर रूम में थे। आयुष ने अपनी शर्ट उतारी, और उसकी टोंड बॉडी देखकर मैं एक पल के लिए खो गया। मैंने हँसते हुए कहा, “आयुष, तेरी बॉडी तो किसी मॉडल जैसी है। कोई गर्लफ्रेंड है या जिम ही तेरा प्यार है?” उसने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “रोहित भाई, गर्लफ्रेंड तो नहीं, लेकिन मैं कुछ नया ट्राई करना चाहता हूँ।” उसकी बातों में एक शरारत थी, जो मेरे मन में एक अजीब-सी हलचल पैदा कर रही थी।

उसके बाद, हमारी बातें और गहरी होने लगीं। हम जिम के बाद कॉफी पीने जाते, और कभी-कभी देर रात तक चैट करते। एक दिन, उसने मुझसे कहा, “रोहित भाई, तुमने कभी कुछ ऐसा अनुभव किया है, जो समाज को गलत लगे, लेकिन तुम्हें सही लगे?” मैंने उसकी आँखों में देखा और कहा, “आयुष, दिल की बातें समाज से ऊपर होती हैं। तू खुलकर बता, क्या बात है?” उसने हिचकिचाते हुए कहा, “रोहित भाई, मुझे तुम बहुत पसंद हो। मैं तुम्हारे साथ और करीब आना चाहता हूँ।”

उसकी बात सुनकर मेरे दिल की धड़कन तेज़ हो गई। मैंने कभी पुरुषों के प्रति ऐसी भावनाएँ नहीं महसूस की थीं, लेकिन आयुष की बातों ने मेरे अंदर कुछ जगा दिया। मैंने हिम्मत जुटाकर कहा, “आयुष, अगर तू तैयार है, तो मैं भी तैयार हूँ।”

पहली बार की गर्मी

कुछ दिन बाद, मैंने आयुष को अपने फ्लैट पर बुलाया। उस रात बाहर बारिश हो रही थी, और माहौल में एक अजीब-सी गर्मी थी। आयुष मेरे फ्लैट पर आया, अपनी टाइट टी-शर्ट और जीन्स में। उसका चेहरा थोड़ा लाल था, शायद उत्साह और घबराहट की वजह से। मैंने उसे सोफे पर बिठाया और कहा, “आयुष, तू नर्वस मत हो। हम कुछ भी करेंगे, प्यार से करेंगे।” उसने हल्के से मुस्कुराते हुए सिर हिलाया।

मैंने धीरे-धीरे उसकी टी-शर्ट उतारी, और उसकी टोंड छाती मेरे सामने थी। मैंने उसके सीने को सहलाया, और उसकी साँसें तेज़ हो गईं। “रोहित भाई, ये… पहली बार है मेरे लिए,” उसने फुसफुसाते हुए कहा। मैंने मुस्कुराते हुए कहा, “आयुष, मेरा भी पहली बार है। चल, इस पल को जी लेते हैं।” मैंने अपनी शर्ट उतारी, और हम दोनों एक-दूसरे के करीब आ गए।

मैंने उसकी जीन्स का बटन खोला, और उसका सख्त लंड मेरे सामने था। मैंने उसे प्यार से सहलाया, और उसकी सिसकारियाँ कमरे में गूंजने लगीं। “रोहित भाई, ये… बहुत अच्छा लग रहा है,” उसने सिसकारते हुए कहा। मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और धीरे-धीरे उसकी गांड को सहलाया। उसने डरते हुए कहा, “रोहित भाई, धीरे… मुझे डर लग रहा है।” मैंने उसे आश्वासन दिया, “आयुष, मैं बहुत धीरे करूँगा।”

गांड की सील तोड़ते हुए

मैंने थोड़ा तेल लिया और उसकी गांड को चिकना किया। धीरे-धीरे, मैंने अपने लंड को उसकी गांड पर टिकाया। उसकी सिसकारियाँ अब दर्द और सुख के मिश्रण में बदल गई थीं। “हाँ, रोहित भाई… धीरे… और धीरे,” वह बार-बार कह रहा था। मैंने धीरे-धीरे अपने लंड को उसकी गांड में डाला, और उसकी सील टूट गई। वह हर पल में मेरे साथ खो गया। मेरे हर धक्के के साथ उसका जुनून बढ़ता जा रहा था। “रोहित भाई, ये… इतना अच्छा क्यों लग रहा है?” उसने सिसकारते हुए कहा।

मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ रखा था, और हम दोनों एक-दूसरे में पूरी तरह डूब गए। उसकी गांड इतनी टाइट थी कि मैं पागल हो रहा था। बारिश की बूंदों की आवाज़ और उसकी सिसकारियों ने उस रात को अविस्मरणीय बना दिया। हम दोनों ने उस पल को पूरी तरह जी लिया।

उस रात का राज़

सुबह होने से पहले, आयुष ने मुझे गले लगाया और कहा, “रोहित भाई, मैंने कभी नहीं सोचा था कि ये अनुभव इतना खूबसूरत होगा।” मैंने हल्के से मुस्कुराते हुए कहा, “आयुष, ये हमारा राज़ है।” उसकी आँखों में एक चमक थी, जो मेरे दिल को सुकून दे रही थी।

अगले दिन, हम दोनों जिम में फिर से मिले, जैसे कुछ हुआ ही न हो। लेकिन हमारी नज़रों में एक नया राज़ था। हमारी मुलाकातें अब भी होती हैं, लेकिन उस रात की बात हमने कभी सामने नहीं लाई। मेरे मन में आयुष के लिए एक खास जगह है, और उस रात की यादें मेरे दिल में हमेशा के लिए बस गईं।

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