क्या आपने कभी सोचा कि प्यार और भरोसे का रिश्ता कितना अनोखा और रोमांचक हो सकता है? यह है पूजा और विकास की कुकोल्ड वाइफ कहानी, जो पति-पत्नी के बीच के खुले विचारों और एक अनजान मर्द के साथ हुए रोमांचक अनुभव की कहानी है। यह हिंदी सेक्स कहानी आपको न सिर्फ रोमांचित करेगी, बल्कि रिश्तों में भरोसे की ताकत भी दिखाएगी।
पूजा और विकास: एक खुला रिश्ता
मेरा नाम विकास है, उम्र 33 साल, और मेरी पत्नी पूजा 30 साल की है। हमारे दो बच्चे हैं, और हमारा रिश्ता हमेशा से खुला और ईमानदार रहा है। रात को साथ बैठकर ब्लू फिल्म देखना, सेक्स के बारे में खुलकर बात करना—ये हमारे लिए आम बात थी। हम दोनों हमेशा चाहते थे कि अपनी सेक्स लाइफ में कुछ नया ट्राई करें। पूजा का मन करता था कि वो किसी और मर्द के साथ वो सिहरन, वो जुनून महसूस करे। मैं भी इसके लिए तैयार था। मैंने उससे कहा था, “अगर तू किसी और के साथ कुछ करना चाहे, तो बस मुझे बता दे। मुझे तेरी खुशी से कोई दिक्कत नहीं।”
लेकिन सही मौका और सही इंसान मिलना आसान नहीं था। पूजा भी चाहती थी कि वो किसी और के साथ वो जज़्बा महसूस करे, पर हिम्मत नहीं जुटा पाती थी। हमारी सेक्स लाइफ वैसे तो शानदार थी। हम लगभग रोज़ सेक्स करते थे। बच्चे अपने कमरे में सोते, और हम अपने। लेकिन मेरी नौकरी की वजह से मुझे अक्सर बाहर जाना पड़ता था, कभी-कभी 10-15 दिन के लिए भी।
20 दिनों की तड़प
एक बार मुझे 20 दिन के लिए बाहर जाना पड़ा। पूजा घर पर अकेली थी। पहले 5-6 दिन तो किसी तरह निकल गए, लेकिन फिर उसका मन सेक्स के लिए तड़पने लगा। वो बेचारी क्या करती? मैं तो था नहीं। रात को फोन पर बात होती थी। एक बार हमने फोन सेक्स भी किया, पर वो असली मज़े का मुकाबला कहां कर सकता था? ऐसे ही तड़पते-तड़पते 20 दिन बीत गए।
अगले दिन मैं घर आने वाला था। पूजा का मन बेचैन था। उसने सोचा कि आज रात वो खूब मज़े करेगी। लेकिन जब मैं घर पहुंचा, तो उसके सारे प्लान पर पानी फिर गया। मेरे साथ मेरा दोस्त राहुल भी आ गया था। उसे देखकर पूजा को गुस्सा तो बहुत आया, पर मेहमान का स्वागत तो करना ही पड़ा।
एक अनजान मेहमान और रात का ट्विस्ट
हमारे घर में जगह कम थी। राहुल को बच्चों के कमरे में नहीं सुला सकते थे, क्योंकि वहां बेड छोटा था। मतलब, उसे हमारे साथ हमारे कमरे में ही सोना था। पूजा का मूड तो पहले से ही खराब था, और अब उसकी रात का सेक्स प्लान भी चौपट हो गया। मैंने उससे कहा, “बस एक रात की बात है, यार। ये कल चला जाएगा, फिर हम आराम से मज़े करेंगे।” पूजा ने उदास होकर कहा, “ठीक है, कोई बात नहीं।”
बाथरूम में अधूरी सिहरन
रात को खाना-पीना हुआ, और हम तीनों बेडरूम में सोने चले गए। लेकिन मेरा भी मन तो सेक्स के लिए मचल रहा था। मैंने पूजा को इशारा किया कि बाथरूम में आ जाए। वो चली गई, और मैं पीछे-पीछे। बाथरूम में जाते ही हम एक-दूसरे से लिपट गए। हम दोनों इतने तड़प रहे थे कि बस शुरू हो गए। मैंने पूजा को झुकाया और पीछे से चोदना शुरू किया। मज़ा तो बहुत आ रहा था, पर मेरा जल्दी ही पानी निकल गया। पूजा ने कहा, “अरे, रुको! अभी मत निकालो!” लेकिन मैं कहां रुक पाया? मेरा तो हो गया, पर बेचारी पूजा प्यासी रह गई। वो गुस्से में थी, लेकिन चुपचाप कमरे में वापस आ गई।
रात का अनोखा अनुभव
कमरे में देखा तो राहुल सो चुका था। मैं बीच में लेट गया, और पूजा मेरे बगल में। थोड़ी देर बाद मुझे याद आया कि लैपटॉप पर कुछ काम बाकी था। मैंने पूजा से कहा, “तू थोड़ी देर बीच में लेट जा, मैं काम निपटा लूं।” पूजा बीच में लेट गई। उसने सोचा कि बाद में वापस अपनी जगह चली जाएगी।
मैंने थोड़ा काम किया, फिर मुझे नींद आने लगी। मैं लेट गया, और पूजा को भी नींद आ गई थी। थोड़ी देर बाद उसकी नींद खुली। उसने देखा कि मैं खर्राटे मार रहा था, और लैपटॉप चालू था। वो उठी, लैपटॉप बंद किया, और मुझे कंबल ओढ़ाया। फिर सोचा कि अब यहीं बीच में सो जाती हूँ। राहुल उससे काफी दूर था, तो उसे लगा कि कोई दिक्कत नहीं होगी।
तड़प और जुनून की शुरुआत
लेकिन नींद तो अब आने से रही। पूजा लेटी थी, और बाथरूम वाला अधूरा मज़ा उसे तड़पा रहा था। मैं तो मज़े में सो रहा था, और बेचारी पूजा तड़प रही थी। कमरे में अंधेरा था। तभी उसे लगा कि राहुल थोड़ा उसके करीब आ गया है। वो चुपचाप लेटी रही। फिर राहुल ने अपना पैर पूजा के पैर पर रख दिया। पूजा के होश उड़ गए। उसका दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगा। राहुल ने धीरे-धीरे अपने पैर के अंगूठे से पूजा के पैर को सहलाना शुरू किया। पूजा के पूरे शरीर में सिहरन दौड़ गई। वो डर भी रही थी, और कहीं न कहीं उसे मज़ा भी आ रहा था।
राहुल और करीब आया, और उसने अपना खड़ा लंड पूजा की गांड से टच कर दिया। उस टच से पूजा की आंखें बंद हो गईं। वो पागल सी हो गई। उसकी चूत गीली होने लगी थी। राहुल ने अपना लंड पूजा की टांगों के बीच की दरार में सटा दिया। पूजा की चूत फड़फड़ाने लगी। उससे रहा नहीं गया, और उसने धीरे से अपनी गांड पीछे की ओर सरका दी।
जुनून का तूफान
राहुल को हरी झंडी मिल गई। वो और करीब आया, और अपना लंड पूजा की टांगों के बीच और अंदर करने लगा। पूजा ने अपनी टांग थोड़ा ऊपर उठा दी। उसे एहसास हुआ कि राहुल का लंड मेरे से कहीं ज़्यादा मोटा और बड़ा था। वो सोचने लगी, “ये तो मेरी चूत में टाइट ही जाएगा!” राहुल ने अपना हाथ पूजा की चूचियों पर रखा और धीरे-धीरे दबाने लगा। पूजा अब पूरी तरह पागल हो चुकी थी। वो करवट बदलकर राहुल के सामने हो गई। राहुल ने अपने होंठ पूजा के होंठों से मिला दिए। दोनों एक-दूसरे की सांसों की गर्मी महसूस करने लगे। उनकी जीभें एक-दूसरे से खेलने लगीं।
काफी देर तक ऐसा चला। फिर राहुल ने पूजा को अपनी छाती से चिपटा लिया। रात के 2 बज रहे थे, और मैं गहरी नींद में था। राहुल ने पूजा को अपनी साइड खींच लिया, और दोनों एक मोटे कंबल में चले गए। राहुल ने फिर से पूजा के होंठ चूसने शुरू किए। उसने पूजा को अपने ऊपर खींच लिया और जोर से चिपटा लिया। राहुल ने अपनी टी-शर्ट निकाल दी, और पूजा ने भी अपना कुर्ता। राहुल ने पूजा की ब्रा का हुक खोल दिया। दोनों के नंगे जिस्म एक-दूसरे से चिपक गए। पूजा की चूचियां राहुल की छाती से सट गईं। पूजा को इतना मज़ा आ रहा था कि उसने सोचा, “क्या मज़ा देता है किसी और मर्द का जिस्म!”
चरम पर पहुंचा जुनून
राहुल कभी पूजा की चूचियां चूसता, कभी उसे काटता। पूजा की चूत पूरी तरह तर हो चुकी थी। राहुल ने पूजा के सिर को नीचे दबाया। पूजा समझ गई और उसने राहुल का लोअर नीचे किया। राहुल का लंड सीधे उसके मुंह पर लगा। पूजा ने उसे अपने मुंह में लिया और चूसने लगी। राहुल मज़े में “आह… आह…” करने लगा।
पांच मिनट बाद राहुल ने पूजा को नीचे लिटाया और उसकी सलवार और पैंटी उतार दी। उसने पूजा की चूत पर अपना मुंह रखा और चाटना शुरू किया। पूजा की सांसें रुक सी गईं। राहुल ने अपनी जीभ से पूजा की चूत को चाटा, और फिर उसकी गांड के छेद पर। पूजा ने राहुल के सिर को और ज़ोर से अपनी चूत पर दबाया। राहुल ने पूजा का सारा रस चाट लिया। फिर वो पूजा के ऊपर लेट गया और उसके होंठ चूमने लगा। उसने अपने लंड को पूजा की चूत पर रगड़ा। पूजा तड़प रही थी। उसने गुस्से में कहा, “डाल दे ना, अब! चोद दे मेरी चूत!” राहुल ने एक झटके में अपना लंड अंदर डाल दिया। पूजा को दर्द हुआ, पर राहुल ने उसे चूमकर चुप कर दिया।
थोड़ी देर बाद दर्द मज़े में बदल गया। राहुल का लंड पूजा की चूत की जड़ तक जा रहा था। पूजा मज़े में चिल्लाने को थी। उसने राहुल से कहा, “चोद ना, जल्दी-जल्दी चोद!” राहुल ने स्पीड बढ़ा दी। अचानक पूजा का रस निकलने लगा, और उसी दौरान राहुल का भी। दोनों थककर शांत हो गए।
सुबह की सच्चाई
पांच मिनट बाद पूजा उठी, अपने कपड़े पहने, और मेरे पास चिपककर सो गई। सुबह सात बजे हम सब उठे। राहुल नाश्ता करके चला गया। दिन में मैंने और पूजा ने फिर से सेक्स किया। बाद में हम बातें करने लगे। पूजा ने कहा, “अब मेरी चूत को आराम मिला।” मैंने हंसकर कहा, “झूठी! आराम तो तुझे रात को ही मिल गया था। मैं जाग रहा था, पर तुझे मज़े लेते देखकर डिस्टर्ब नहीं करना चाहता था।”
पूजा ने सॉरी कहा, लेकिन मैंने कहा, “अरे, कोई बात नहीं। तूने थोड़ा मज़ा ले लिया, तो क्या हुआ? मैं जानता हूँ कि प्यार तू मुझसे ही करती है।” पूजा ने मुझे गले लगाया और बोली, “तू कितना अच्छा है। लव यू!” फिर हम एक-दूसरे से लिपट गए।
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