नौकरानी की चुदाई की हॉट हिंदी कहानी: आरती की बुर में लंड | 18+ Antarvasna Story: हेलो दोस्तो! मेरा नाम विजय है, और आज मैं आपके लिए Antarvasna की एक मसालेदार हिंदी सेक्स कहानी लेकर आया हूँ। ये कहानी मेरी और मेरी घर की सेक्सी नौकरानी आरती की है, जिसे मैंने धीरे-धीरे गर्म करके उसकी चुदाई का मज़ा लिया। ये 18+ कहानी है, तो कृपया अपनी उम्र और स्थानीय नियम चेक कर लें। चलिए, इस गर्म देसी चुदाई कहानी में गोता लगाते हैं!
आरती की पहली मुलाकात
मेरे घर में पहले कई साधारण नौकरानियाँ काम करती थीं, लेकिन एक दिन आरती नाम की एक नौकरानी आई, जिसने मेरे होश उड़ा दिए। वो इतनी खूबसूरत थी कि बस देखते ही मन मचल गया। उसकी हाइट मध्यम थी, फिगर 33-26-34 का, और बदन ऐसा सुडौल कि हर अंग कयामत ढा रहा था। वो शादीशुदा थी, और उसका गोरा रंग, भरे हुए मम्मे, और पतली कमर देखकर मैं मन ही मन उसके पति से जलने लगा। सोचता था, “ये साला कितना खुशकिस्मत है जो इसे रोज़ चोदता होगा!”
आरती की साड़ी में से उसके मम्मों की दरार साफ दिखती थी। उसने ब्रा नहीं पहनी थी, और उसके चूचे साड़ी के बाहर उभरकर मुझे ललकार रहे थे। जब वो ठुमक-ठुमक कर चलती थी, तो उसकी गांड का हिलना देखकर मेरा लंड तन जाता था। उसकी साटिन की साड़ी जब चूत के पास से सटती थी, तो मन करता था कि बस इसे पकड़कर चोद दूँ। मेरा लंड उसकी बुर में घुसने को बेकरार था, लेकिन वो मेरी तरफ देखती भी नहीं थी। वो बस अपने काम में मस्त रहती और काम खत्म करके चली जाती।
पहला कदम: बातचीत की शुरुआत
मैंने सोच लिया कि आरती की चुदाई के लिए उसे धीरे-धीरे गर्म करना होगा। जल्दबाजी की तो मेरा प्लान फेल हो जाएगा। मैंने उससे बातें शुरू कीं। एक दिन मैंने कहा, “आरती, तुम चाय बनाओ।” उसने अपने नर्म हाथों से चाय पकड़ाई, और मेरे लंड ने तो जैसे उछाल मार दी। मैंने तारीफ की, “आरती, तुम तो कमाल की चाय बनाती हो!” वो शरमाकर बोली, “हाँ, बाऊजी, मैं तो बनाती ही हूँ।”
फिर मैंने रोज़ चाय बनवानी शुरू की। कभी उससे शर्ट प्रेस करवाता और तारीफ करता, “तुम तो प्रेस भी शानदार करती हो!” धीरे-धीरे जब मेरी बीवी आसपास नहीं होती, मैं उससे गपशप करने लगा। मैंने पूछा, “आरती, तुम्हारा पति क्या करता है?” उसने बताया कि वो मिल में 10-12 घंटे काम करता है, और कई बार रात की ड्यूटी भी होती है। उसकी एक 2 साल की बेटी थी, जिसकी देखभाल उसकी सास करती थी।
मैंने पूछा, “तुम कितने घरों में काम करती हो?” उसने कहा, “बस आपके और नीचे वाले घर में।” फिर उसने बताया कि उसका पति शराब में बहुत पैसे उड़ा देता है, जिससे गुजारा मुश्किल होता है। ये सुनकर मेरा दिमाग चला। मैंने कहा, “आरती, अगर पैसों की ज़रूरत हो तो मुझे बता देना। मैं मदद करूँगा।” उसने अजीब नज़रों से देखा और बोली, “क्या मतलब, साहब?” मैंने हँसकर कहा, “अरे, मैं तुम्हारे पति को समझा दूँगा।”
नज़दीकियाँ बढ़ती गईं
हमारी बातें बढ़ने लगीं। एक दिन मैंने मज़ाक में कहा, “आरती, तुम्हारा पति पागल है। इतनी सेक्सी बीवी के होते हुए शराब पीता है!” वो हँसी, लेकिन मुझे लगा कि वो मेरा इशारा समझ गई। उसने नाराज़गी नहीं दिखाई, जिससे मुझे हिन्ट मिला कि वो शायद तैयार हो सकती है। मैंने सोच लिया कि मौका मिलते ही इसे चोद दूँगा।
वो सुनहरा मौका
एक रविवार मेरी बीवी बच्चों को लेकर मायके गई थी। आरती सुबह काम पर आई और दरवाज़ा बंद कर लिया। हमारी बातचीत से वो मुझ पर भरोसा करने लगी थी। मैंने सोचा, आज मौका नहीं छोड़ना है। मैंने कहा, “आरती, पैसों की ज़रूरत हो तो बता देना। मैं तुम्हारी मदद करूँगा, और मेरी बीवी को कुछ नहीं बताऊँगा। लेकिन तुम भी चुप रहना।” मैंने उसके हाथ में 500 रुपये का नोट थमा दिया।
वो बोली, “मैं बीवी जी को क्यों बताऊँगी?” ये सुनकर मेरा दिल बल्लियों उछलने लगा। मैंने कहा, “आरती, मैंने तुम्हें खुशी दी। क्या तुम मुझे खुश नहीं करोगी? लेकिन मुँह बंद रखना होगा।” मैंने उससे कहा, “आँखें बंद करो। अगर खोलीं तो शर्त हार जाओगी।” उसने आँखें बंद कर लीं।
गर्म करने की शुरुआत
आरती शरमाते हुए चुप खड़ी थी। मैंने पहले उसके माथे पर हल्का-सा चुम्बन दिया। वो चुप रही। फिर मैंने उसकी पलकों और गालों को चूमा। उसकी साँसें तेज़ हो रही थीं। मेरा लंड लोहे की तरह सख्त हो गया। मैंने उसकी ठुड्डी पर चुम्बन दिया, और वो आँखें खोलने लगी। मैंने कहा, “नहीं, आँखें बंद रखो!” उसने फटाक से आँखें बंद कर लीं।
अब मैंने उसके होंठों पर चुम्बन किया। वो काँप रही थी, लेकिन विरोध नहीं किया। मैंने उसके हाथ अपनी कमर पर रखवाए और उसे बाहों में भर लिया। उसके गुलाबी होंठ चूसने में मज़ा आ रहा था। उसने मेरी पीठ पर हाथ फेरना शुरू किया। मैंने उसकी साड़ी का पल्लू गिराया और उसके मम्मों को ब्लाउज़ के ऊपर से दबाया। वो मलाई जैसे नरम थे। मैंने उसके चूतड़ों को दबाया और मेरा लंड उसके बदन से सट गया।
चुदाई का आलम
शादीशुदा औरत को चोदना आसान होता है, क्योंकि उन्हें सब पता होता है। आरती ने ब्रा नहीं पहनी थी। मैंने उसके ब्लाउज़ के पीछे के बटन खोले और उसे उतार फेंका। उसके चूचे उछलकर मेरे हाथों में आ गए। मैंने उसकी साड़ी और पेटीकोट खोलकर उसे बेड पर लिटा दिया। उसकी चूत पर घुंघराले बाल थे, और वो बिना पैंटी के थी। मैंने कहा, “आरती, तुम्हारी बुर तो पूरी नंगी है!” उसने शरमाकर कहा, “साहब, पर्दे बंद कर दो।”
मैंने पर्दे खींचे और उसके ऊपर लेट गया। मैंने उसके होंठों को चूसा और चूचियों को दबाया। मेरी उंगली उसकी चूत में घुसी, जो गर्म और गीली थी। उसकी सिसकारियाँ, “आह… साहब… उफ्फ…” मुझे पागल कर रही थीं। मैंने कहा, “आरती रानी, अब क्या करूँ?” वो बोली, “साहब, अब मत तड़पाओ। डाल दो!” मैंने मज़ाक में पूछा, “क्या डाल दूँ?” वो चिल्लाई, “आपका लंड मेरी चूत में डाल दो!”
मस्त चुदाई
मैंने अपना लंड उसकी बुर पर रखा और एक झटके में अंदर घुसा दिया। मैंने उसके मम्मों को दबाते हुए और होंठ चूसते हुए उसे चोदना शुरू किया। वो भी नीचे से गांड उछालकर मेरा साथ दे रही थी। वो चिल्लाई, “साहब, आप तो मस्त चुदाई करते हो! बस चोदते रहो… आह… उफ्फ…” मैंने कहा, “आरती, तुम्हारी चूत मेरे लंड के लिए बनी है। मज़ा आ रहा है ना?” वो बोली, “हाँ, साहब… बहुत मज़ा… और जोर से…”
करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए। मेरा मन नहीं भरा। 20 मिनट बाद मैंने अपना लंड उसके मुँह में डाला, और हम 69 की पोजीशन में आ गए। मैं उसकी चूत को जीभ से चोद रहा था, और वो मेरा लंड चूस रही थी। दूसरी बार की चुदाई में और मज़ा आया। मेरा लंड लंबे समय तक टिका रहा, और मैंने उसे भरपूर मज़ा दिया।
आखिरी पल
थकने के बाद आरती कपड़े पहनने लगी। मैंने कहा, “आरती रानी, अब तुम मुझसे चुदवाती रहना।” वो हँसी, “साहब, आपकी चुदाई इतनी मस्त है कि मैं अब आपके लंड से ही चुदवाऊँगी। पैसे दो या न दो, बस मेरी चूत को चोदते रहो।” मैंने उसके मम्मों को हल्के से दबाया और उसे बेड पर लिटाकर फिर होंठ चूसने लगा।
अब जब भी मौका मिलता है, आरती खुद अपनी बुर चुदवाने को तैयार हो जाती है। Antarvasna की इस हॉट हिंदी कहानी ने मेरी ज़िंदगी में मज़ा भर दिया!
अंत
दोस्तो, ये थी मेरी और नौकरानी आरती की चुदाई की कहानी। आपको Antarvasna की ये हिंदी सेक्स कहानी कैसी लगी? कमेंट में बताइए, और ऐसी ही 18+ कहानियाँ पढ़ने के लिए हमारे ब्लॉग पर आते रहिए!