नमस्ते दोस्तों! मेरा नाम विक्रम है, और मैं 27 साल का एक साधारण लड़का हूँ, जो दिल्ली में नौकरी करता है। मैं लंबे समय से अन्तर्वासना की कहानियाँ पढ़ता आया हूँ। आज मैं अपनी पहली चुदाई की कहानी आपके साथ साझा कर रहा हूँ, जो 2021 के लॉकडाउन के बाद की है। यह एक ऐसी मुलाकात थी, जिसने मेरी जिंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया।
लॉकडाउन में ऑनलाइन दोस्ती
2021 में कोरोना की दूसरी लहर ने सबको घरों में बंद कर दिया था। मई-जून के समय, जब मैं घर में बोर हो रहा था, मैंने कुछ ऑनलाइन चैट ऐप्स आजमाए। तभी मेरी मुलाकात प्रिया (बदला हुआ नाम) से हुई। प्रिया 29 साल की थी और बैंगलोर में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करती थी।
हमारी बातचीत पहले तो साधारण थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से हम दिन-रात चैट करने लगे। धीरे-धीरे हमारी बातें निजी और रोमांटिक हो गईं। हम दोनों एक-दूसरे के लिए तड़पने लगे। अन्तर्वासना की कहानियों की तरह, हमारी बातों में भी एक खास जोश और जुनून था।
मिलने की चाहत
हमारी बातें अब चुदाई की ख्वाहिशों तक पहुँच गई थीं। हम कॉल और चैट पर एक-दूसरे को खुश करने की कोशिश करते। अक्टूबर 2021 में जब हालात थोड़े ठीक हुए, हमने मिलने का प्लान बनाया। मैं बैंगलोर जाना चाहता था, लेकिन कुछ कारणों से नहीं जा सका। इस बात पर प्रिया मुझसे नाराज़ हो गई, पर हमारी बातें चलती रहीं।
अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में प्रिया ने बताया कि उसे अपने ऑफिस के एक प्रोजेक्ट के लिए दिल्ली आना है। यह सुनकर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। हम दोनों उस दिन का इंतज़ार करने लगे जब हम पहली बार मिलेंगे।
पहली मुलाकात का जोश
आखिरकार वह दिन आ गया। प्रिया ने अपने काम के पहले तीन दिन पूरे किए और आखिरी दो दिनों के लिए अपने सहकर्मियों को अकेले भेज दिया। उसने मुझे अपने होटल का पता दिया और शाम को बुलाया। मैं बहुत घबराया हुआ था, क्योंकि यह मेरी पहली ऐसी मुलाकात थी।
शाम को करीब 8:30 बजे मैं होटल पहुँचा और प्रिया को कॉल किया। उसने दरवाजा खोला, और उसे देखकर मैं दंग रह गया। उसने पीली कुर्ती पहनी थी, जिसमें वह किसी परी से कम नहीं लग रही थी। उसकी मुस्कान ने मेरा दिल जीत लिया।
अन्तर्वासना जैसा पल
प्रिया ने हँसते हुए मुझे अंदर बुलाया। जैसे ही दरवाजा बंद हुआ, मैंने उसे गले लगाया और उसकी गर्दन पर चूमना शुरू कर दिया। वह सिसकारियाँ लेने लगी। अन्तर्वासना की कहानियों की तरह, हम दोनों का जोश बढ़ता गया। मैंने उसे बिस्तर पर ले जाकर उसके कपड़े उतारे। उसकी खूबसूरती ने मुझे पागल कर दिया।
मैंने उसकी चूत पर हल्के से हाथ फेरा, और वह पूरी तरह गीली थी। मैंने धीरे-धीरे उसे प्यार किया, और वह मेरे लंड को सहलाने लगी। हम दोनों ने एक-दूसरे को खूब प्यार किया, और वह पल मेरे लिए किसी सपने से कम नहीं था। मैंने उसे जोर-जोर से चोदा, और हम दोनों ने चुदाई का पूरा मज़ा लिया।
पहली बार में मैं जल्दी झड़ गया। प्रिया ने कहा, “अंदर ही निकाल दे!” मैंने वैसा ही किया। इसके बाद हम थककर एक-दूसरे के बगल में लेट गए। मैं उसकी चूचियों के साथ खेलता रहा, और वह मेरे बाल सहलाती रही।
दूसरा राउंड और विदाई
थोड़ा आराम करने के बाद प्रिया ने फिर से कमान संभाली। उसने मेरे लंड को अपने मुँह में लिया और चूसने लगी। मैं जैसे आसमान में उड़ रहा था। हमने फिर से चुदाई की, और इस बार मैंने उसे और जोश के साथ प्यार किया। हम दोनों पसीने से तर-बतर हो गए।
रात को हमने साथ खाना खाया और एक-दूसरे को गले लगाकर सो गए। सुबह जब हम उठे, तो हमारे शरीर पर जगह-जगह निशान थे। प्रिया ने मुझे रुकने को कहा और फिर से मेरे लंड के साथ खेलना शुरू कर दिया। मैं उसके मुँह में झड़ गया, और उसने एक बूंद भी नहीं छोड़ी।
फिर मैं तैयार होकर निकल गया, लेकिन जाते-जाते प्रिया को एक लंबी चुम्मी दी।
यह मेरी पहली चुदाई की कहानी थी, जो अन्तर्वासना की कहानियों की तरह रोमांचक और भावनात्मक थी। प्रिया के साथ बिताए वो पल मेरे दिल में हमेशा रहेंगे। आशा करता हूँ कि आपको मेरी यह कहानी पसंद आई होगी। अपनी राय नीचे कमेंट में या मेरे ईमेल पर जरूर साझा करें।
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